लीची स्वादिष्ट, सेहतमंद और चमत्कारी फल
गर्मियों के मौसम में मिलने वाला लीची बेहद रसीला और स्वादिष्ट फल है यह। यह छोटा सा लाल रंग का फल न सिर्फ खाने में मीठा और मज़ेदार होता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ इतने ज़्यादा हैं कि यह एक औषधीय फल कहलाने का पूरा हक़दार है। हालांकि यह एक नाज़ुक फल होता है, जो केवल कुछ ही दिनों तक ताज़ा रह पाता है, लेकिन जब तक उपलब्ध हो, तब तक इसे ज़रूर सेवन करना चाहिए।
इसमें प्राकृतिक मिठास होती है जो इसे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की पसंद बना देती है। लेकिन मीठा होने के साथ-साथ यह पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इसमें शर्करा (ग्लूकोज़), वसा, और प्रोटीन के साथ-साथ लौह तत्व (आयरन), विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही कारण है कि यह फल स्वाद में लाजवाब है, और हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।
तासीर और गुण
आयुर्वेद के अनुसार लीची तासीर ठंडी होती है। इसकाअर्थ है कि यह शरीर में ठंडक पहुँचाता है और गर्मियों में होने वाली कई समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। नियमित सेवन से कई प्रकार के रोगों में लाभ मिलता है। नीचे कुछ प्रमुख रोगों के बारे में बताया गया है जिनमें इसका उपयोग चमत्कारी रूप से कारगर साबित होता है।

1. दिल की धड़कन का तेज़ होना
कुछ लोगों को थोड़ी सी मेहनत करने पर भी दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है। यह समस्या दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। ऐसेलीची रस सुबह, दोपहर और शाम – दिन में तीन बार पिलाने से बहुत फ़ायदा होता है। अगर लगातार एक महीने तक लीची सेवन किया जाए, तो दिल की धड़कन सामान्य हो सकती है और शरीर को नई ऊर्जा मिलती है।
2. यकृत रोग (पीलिया)
यकृत (लीवर) के रोगों के लिए एक वरदान माना जाता है। खासकर पीलिया जैसी बीमारी में इसका सेवन अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व लीवर को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं। पीलिया के रोगी अगर नियमित रूप से इसका सेवन करें तो उनकी हालत में तेज़ी से सुधार देखा जा सकता है।
3. अंडकोषों का बढ़ना
लीची एक संवेदनशील और कम चर्चा किया जाने वाला रोग है। जब किसी पुरुष के अंडकोष असामान्य रूप से बढ़ जाते हैं तो यह परेशानी और शर्मिंदगी दोनों का कारण बन सकता है। इस स्थिति में नियमित सेवन करना अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। इसके साथ ही, शरीर पर लंगोट बांधने की सलाह दी जाती है ताकि प्रभावित भाग को उचित सहारा मिल सके। कुछ दिनों तक इस उपाय को अपनाने से काफ़ी राहत मिलती है।
4. पाचन शक्ति और पेट के रोग
लीची फल पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है। पेट से जुड़ी कई समस्याएं जैसे कब्ज़, अपच, गैस आदि इसके सेवन से दूर होती हैं। कब्ज़ एक ऐसा रोग है जो आगे चलकर कई दूसरी बीमारियों को जन्म दे सकता है, इसलिए इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। रोज़ाना सुबह के समय लगभग 250 ग्राम ताज़ा फल या उतनी ही मात्रा में रस पीने से एक महीने में आपको अपने पाचन तंत्र में सुधार दिखाई देगा। पेट साफ़ रहने से शरीर हल्का महसूस होता है और मन भी प्रसन्न रहता है।

अन्य लाभ
- लीची में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है, जिससे यह इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है।
- यह शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाकर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
- त्वचा के लिए भी यह बहुत फ़ायदेमंद है – इसे खाने से त्वचा में निखार आता है और झुर्रियाँ कम होती हैं।
- गर्मियों में यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और लू से भी बचाता है।
ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि इसके फायदे अनगिनत हैं, फिर भी एक बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है – इसे हमेशा संतुलित मात्रा में ही सेवन करें। ख़ासतौर पर बच्चों को खाली पेट यह नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे शुगर लेवल में गड़बड़ी हो सकती है। यदि फल ज़्यादा पुराना हो गया हो या सड़ने लगा हो, तो उसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
संक्षेप में कहा जाए तो यह एक ऐसा फल है जो स्वाद और सेहत – दोनों के लिहाज़ से बेजोड़ है। यह गर्मियों में प्रकृति की ओर से दिया गया एक अनमोल उपहार है। अगर आप इसे सही समय पर और सही मात्रा में अपने आहार में शामिल करते हैं, तो कई रोगों से दूर रह सकते हैं और शरीर को नई ऊर्जा, ताकत और ताजगी का अनुभव होगा। अगली बार जब भी यह फल दिखे, तो इसे ज़रूर अपनाएँ – यह सिर्फ फल नहीं, एक प्राकृतिक औषधि है।
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