केला
केला एक ऐसा फल है, जिसका आनन्द बिना दाँत वाले भी खाकर ले सकते हैं। इसे दाँतों से चबाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसलिए यह बच्चे, बूढ़े, जवानों के मन को भाता है। यह शक्ति वर्धक और ठंडी तासीर वाला फल है। केला एक घरेलू किन्तु अत्यन्त ही लाभकारी औषधि है। इसे भूखे पेट न खाएं या खाने के पश्चात् केला खाने से ताकत आती है, परन्तु एक समय में तीन से अधिक केले नहीं खाने चाहिए, रात के समय केला खाने से गैस पैदा होती है।
पेशाब बन्द होना – केले के तने से कोई भी टहनी तोड़कर उसका रस निकाल लें। इसमें थोड़ा सा देसी घी मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आने लगेगा। इसका सेवन कुछ दिनों तक करते रहने से रोग जड़ से चला जाता है।
प्रदर रोग-इस रोग से बचने के लिए रोगी को दो पके हुए केले खाने को दें। ऊपर से शहद मिला दूध २५० ग्राम पिला देने से कुछ दिनों के सेवन से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।

केले के गुण
1. केले वीर्य को पैदा करके उसे गाढ़ा भी करता है। 2. नेत्र रोगों के लिए केले बहुत लाभदायक है।
3. पेचिश होने पर 1 केले एक समय में नमक, काली मिर्च और नीबू के साथ लेने से लाभ होता है।
4. केले को फल न समझ कर इसे खाने के स्थान पर प्रयोग करें।
दमा – सबसे दुःखी रोग दमा है। दमा खाँसी का ही एक रूप है। इस रोग में भूलकर भी केले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि केला बलगम पैदा करता है और बलगम दमे की जड़ है इसलिए खाँसी तथा दमे के रोगी केले का सेवन न करें।
मुँह के छाले – 1. अक्सर लोगों को विशेष रूप से बच्चों के जीभ के छालों का रोग काफी पीडा देता है. ऐसे सब रोगियों के लिए हर रोज सुबह एक केला गाय के दूध के साथ देने से यह रोग ठीक हो जाता है। 2. मुख में या जीभ पर छाले पड़ गये हैं तो दही में केला मसलकर खायें। छाले ठीक हो जायेंगे।
सूजन- शरीर के किसी भी भाग में सूजन हो गया हो, वहाँ पर केले को मथकर उसमें थोड़ा नमक मिला कर सूजन वाले स्थान पर लगा देने से सूजन कम होना शुरू हो जाता है। इसे उस समय तक दिन में तीन बार लगाते रहें जब तक सूजन ठीक न हो जाए। यदि सूजन के साथ-साथ दर्द भी होता हो तो इसमें थोड़ी हल्दी भी मिला लें इससे दर्द कम हो जाएगा।
रक्त चाप (ब्लडप्रेशर) – हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को सुबह उठकर दो केले खाने ज़रूरी हैं। इससे उनका रक्त चाप ठीक रहेगा। धीरे- धीरे वह पूर्ण रूप से सामान्य हो जाएगा।

नकसीर-यह रोग भी बहुत बुरा है ऐसे रोगी जब भी कहीं बैठे होते हैं तो खाँसी या छींक के साथ उनके नाक से खून बहने लगता है। उन रोगियों को शक्कर में मिलाकर दो पीस दस दिन तक खिलाने से आराम आ जाएगा।
मिट्टी खाने वाले बच्चे-मिट्टी खाने वाले बच्चों के लिए अति उपयोगी सिद्ध हुआ है। ऐसे बच्चों को 5 से 6 ग्राम केले का गूदा शहद में मिलाकर प्रतिदिन खिलाएँ तो कुछ दिनों में ही उनकी यह बुरी आदत छूट जाएगी।
दस्त होने पर-यदि बार-बार दस्त होते हैं तो पका केला खायें और कच्चे केले की सब्जी बनाकर खायें।
हृदय का दर्द– जब भी किसी व्यक्ति को दिल का दर्द हो तो उसे दो केलों का गूदा निकालकर दो चम्मच शहद में मिलाकर खिला दें तो उसे हृदय पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।
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