अमृत
यद्यपि यह कहावत भी असत्य नहीं है कि आँवला फल नहीं फल है। आँवले का मुरब्बा शीतल और तर होता है। इसलिए गरमी के मौसम में इसका सेवन करना अत्यधिक लाभदायक होता है। आँवले का मुरब्बा रक्त शोधक, दाह को मिटाने वाला, हृदय, मस्तिष्क, यकृत, आँत और अमाशय को शक्ति प्रदान करता है। यह नेत्रों की रोशनी को बढ़ाता है।
इसके सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। लू नहीं लगती, पेट साफ रहता है तथा शारीरिक कमज़ोरी को दूर करने के लिए तो आँवला बहुत ही उपयोगी है।

साधारण कमजोरी को दूर करने के लिए – बारीक पिसा हुआ आंवला दो चम्मच शहद में मिलाकर चाँटें तदुपरान्त एक गिलास गाय का दूध पीयें। यदि चालीस से साठ दिन तक प्रतिदिन सुबह उठकर पियें तो आपकी हर प्रकार की कमजोरी दूर हो जाएगी और आपका शरीर चुस्त तथा फुर्तीला रहेगा, नया खून बनेगा
दाँतों का कीड़ा और दर्द-दाँतों में कीड़ा लगने के कारण उनमें काफी दर्द होने लगता है, ऐसे रोगी के लिए आँवले के रस में थोड़ा सा कपूर मिलाकर उसका लेप मसूड़ों पर करने से दाँत का दर्द ठीक हो जायेगा तथा कीड़े भी मर जायेंगे।
भूख बढ़ाए- जिन लोगों को भूख बहुत कम लगती हो, खाना ठीक से हज़म न होता हो उन्हें सूखे आँवलों का चूर्ण बना कर एक-एक चम्मच दिन में तीन बार लेना चाहिए।
स्वप्न दोष- सुबह 25 ग्राम ताज़ा आँवले का रस शहद में मिलाकर निहार मुँह पीने से इस रोग से शीघ्र मुक्ति मिलती है।
सुन्दरता के लिए- सूखे आँवले को बारीक पीस (कूट) कर, उसे कपड़े से या छलनी से छान लें फिर उसे आटे की भाँति गूंदकर प्रतिदिन रात को सोते समय मुँह पर लेप लगायें। सुबह उठकर उसे साबुन से धो दें। इस क्रिया को कुछ दिनों तक करने से आपका रूप निखर जाएगा तथा चेहरा रेशम की भाँति मुलायम हो जायेगा व उसमें चमक भी आ जायेगी।
पेशाब की जलन – दो चम्मच ताज़ा आँवले का रस, 50 ग्राम शहद मिलाकर सुबह शाम दोनों समय रोगी को सेवन करवाने से रोग से मुक्ति मिलती है।

वीर्य को बढ़ाने में शक्ति वर्धक – आँवले का चूर्ण और उतनी ही मात्र में पिसी हुई हल्दी को लेकर हल्की आँच पर तवा रख कर भून लें। जब यह दोनों अच्छी तरह से भुन जाएँ तो नीचे उतार कर उन दोनों के वज़न की कूजा मिश्री पिसी हुई मिला कर सुबह निहार मुँह आधा किलो दूध के साथ सेवन करने से सारी दुर्बलता दूर हो जाएगी और वीर्य भी गाढ़ा हो जाएगा। इसका सेवन कम से कम एक मास तक होना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर – प्रतिदिन सुबह उठकर आँवले के मुरब्बे के दो नग खाने से इस रोग से मुक्ति मिल जाती है।
नारी रोगों के लिए – नारी के गुप्तांगो में जलन के लिए आँवले का रस निकाल उसमें थोड़ी चीनी मिला लें रोज सुबह आधा गिलास पीने से यह रोग दूर होगा।
धातु रोग-ऐसे रोगियों को आँवले का रस एक बड़ा चम्मच हल्के से शहद में घोलकर सुबह खाली पेट तथा रात को सोते समय सेवन करवाएँ तो लाभ होगा। हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) हृदय रोगियों तथा ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए आँवले का मुरब्बा बहुत अधिक लाभदायक है। ऐसे रोगियों को आँवले का सेवन सदा ही करना चाहिए।
सफदे पानी (श्वेत प्रदर) –सफेद पानी का रोग औरतों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक माना गया है। इस रोग के कारण औरतें जवानी में ही बूढ़ी नजर आने लगती हैं उन्हें कमर दर्द हर समय रहता है। सूखे आँवले कूट पीसकर बारीक कपड़े या छलनी में छान लें। तीन ग्राम इस चूर्ण को लेकर एक चम्मच शहद में मिलाकर रोज सुबह उठकर चालीस दिन तक सेवन करने से इस रोग से मुक्ति मिल जाती है।
परहेज- किसी प्रकार की गर्म चीज का सेवन न करें।
पथरी-आँवले का चूर्ण, मूली का रस एक-एक चम्मच इन दोनों को मिलाकर थोड़ा शहद भी मिला दें फिर पथरी के रोगी को सेवन करवाने से पथरी का दर्द दूर होगा। निरन्तर दो मास तक इसके सेवन से पथरी रोग ठीक होता है।

गठिया-जोड़ों के दर्द में एक गिलास पानी में सूखे आँवले 30 ग्राम और 50 ग्राम गुड़ डालकर उबालें। जब उसमें पानी का चौथा भाग शेष रह जाए तो रोगी को दो बार दिन में पीने से गठिया रोग एक मास में ठीक हो जाएगा।
खाँसी-पिसे हुए आँवले का चूर्ण एक चम्मच, शहद एक चम्मच इन दोनों को मिलाकर सेवन करने से खाँसी से मुक्ति मिल जाएगी।
हृदय तथा मस्तिष्क की दौर्बल्यता- सुबह तथा शाम जब आप आधा भोजन कर लें तों ताज़ा आँवले का रस २५ ग्राम १ गिलास पानी में मिला लें। इसमें एक चम्मच चीनी भी मिला सकते हैं। हृदय तथा मस्तिष्क की दुर्बलता वाले रोगियों को एक मास तक सेवन करने से हृदय तथा मस्तिष्क के रोगों से मुक्ति मिलती है।
दिल का दौरा –सूखे आँवला के चूर्ण को एक चम्मच गाय के के साथ सुबह-शाम दो बार सेवन करने से हृदय के रोग में शत प्रतिशत आराम मिलेगा।
केश को काला करना – आज सभी व्यक्ति सफेद बालों के कारण चिंतित हैं। आपकी यह चिंता दूर हो सकती है। मेंहदी और सूखा आँवला पीसकर इसे पानी में गूंथ कर पतला लेप बना लें और इस लेप को रात में बालों पर लगाकर सो जाएँ, सुबह उठकर उन्हें धो दें तो आपके बाल काले और मुलायम हो जायेंगे।
बालों की कमजोरी-सूखे आँवले को रात में पानी में भिगो दें और सुबह उठकर उस पानी से बालों को साठ दिन तक धोने से बालों का झड़ना रुक जाता है।
नेत्र विकार- त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आँवला) इन तीनों को बराबर की मात्रा में लेकर कूटपीस कर बारीक कपड़े से छान कर किसी चीनी या शीशे के बर्तन में रखें। रोगियों के लिए त्रिफला चूर्ण को रात को किसी मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर साफ कपड़े से छानकर आँखों पर इसके पानी से छीटे मारकर साफ करें।
मूत्रांग में जलन-ताज़ा आँवले का रस मिश्री में घोलकर एक मास तक सुबह शाम सेवन करने से जलन से मुक्ति मिल जाती है।
सुन्दरता के लिए- चेहरे पर कील मुंहासे तथा झांइयाँ पड़ने पर पिसा हुआ आँवला (पाउडर) गुलाब जल में मिला कर दिन में तीन बार मलने से कुछ ही दिनों में आपका चेहरा सुन्दर नज़र आने लगेगा।
गर्भवती महिलाओं के लिए-गर्भावस्था में औरतों का उल्टी आना कोई रोग तो नहीं माना जाता, परंतु जब अधिक मात्रा में उल्टी आने लगे तो समझ लेना चाहिए कि यह रोग है। ऐसी हालत में आँवले के मुरब्बे के दो पीस हर रोज सुबह उठकर खाने से यह रोग समाप्त हो जाता है।
अनन्नास खाओ बीमारी को छुट्टी करो क्या आप जानते हैं
अनार (Pomegranate) खाने के अनोखे फायदे सून कर दंग रह जाएंगे आप.
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