यह लहसुन, बड़े-बड़े रोगों का इलाज
हमारे रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली यह लहसुन जड़ी-बूटी सिर्फ स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसी चमत्कारी औषधि है जो शरीर को न सिर्फ अंदर से ताकत देती है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाने में मदद करती है। गर्म तासीर वाली यह बूटी भूख बढ़ाती है, शरीर को गर्मी देती है और चेहरे पर एक अलग सी चमक ले आती है। इसका नियमित सेवन रक्त, वीर्य और शक्ति को भी बढ़ाता है।
1. दमा
दमे से पीड़ित लोगों के लिए लहसुन अत्यंत उपयोगी मानी जाती है। गर्म पानी के साथ इसका सेवन करने से सांस लेने में राहत मिलती है। एक आसान उपाय है—एक कली को भूनकर थोड़ा नमक मिलाकर देना। इसे रोजाना 40 दिनों तक दिया जाए तो रोग जड़ से समाप्त हो सकता है।
2. टी.बी.
जो लोग इस बूटी का नियमित प्रयोग करते हैं, उनके पास टी.बी. के कीटाणु टिकते नहीं। यदि किसी को टी.बी. हो जाए, तो 10 लहसुन को 250 ग्राम गाय के दूध में उबालकर कलियों को खा लें और दूध पी लें। यह प्रक्रिया 40 से 50 दिन तक दोहराने से बीमारी में बहुत सुधार आता है। इसके अलावा, 5 बूंद रस को 10 ग्राम पानी में मिलाकर पिलाने से भी लाभ होता है।
3. जुकाम और खांसी
रोजाना 5 लहसुन का सेवन जुकाम में राहत देता है। खांसी में सरसों तेल में इसकी कलियों को पकाकर मालिश करने से आराम मिलता है। काली खांसी के लिए बादाम, मिश्री और दो कलियों का मिश्रण सुबह दूध के साथ दिया जाए तो रोग जड़ से ठीक हो सकता है।

4. पेट संबंधी समस्याएँ
खट्टी डकारें, पेट मरोड़ या अरुचि की स्थिति में कुछ लहसुन को अदरक, धनिया और सेंधा नमक के साथ पीसकर चटनी बनाकर खाएं। इससे पेट की सारी गड़बड़ियाँ ठीक हो जाती हैं।
5. निमोनिया
एक चम्मच रस को गर्म पानी में मिलाकर हर दो घंटे में दिया जाए तो यह बीमारी जल्दी ठीक होती है।
6. गाँठें और सूजन (कंठमाला)
लहसुन पीसकर कपड़े पर लगाकर गाँठ वाली जगह पर बाँध दें। इससे सूजन और गाँठों में राहत मिलेगी।
7. लकवा (फालिज)
प्रारंभ में एक लहसुन निगलें, फिर हर दिन एक-एक बढ़ाते हुए 40 दिन तक लेते रहें। यह नुस्खा असरदार है। एक अन्य तरीका है—25 ग्राम कलियों को आधा किलो दूध में पकाकर जब यह खीर जैसा बन जाए, तो उसे खिला दिया जाए।
8. हैजा
लहसुन, हींग और कपूर बराबर मात्रा में पीसकर नींबू के रस के साथ देने से रोगी को आराम मिलता है।
9. खुजली और चर्म रोग
कुछ कलियों को सरसों तेल में पकाकर ठंडा करें और खुजली वाले हिस्से पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आराम मिलेगा।
10. जूएँ
15-20 कलियां पीसकर एक नींबू के रस में मिलाएं और रात को बालों में लगाकर छोड़ दें। एक हफ्ते के अंदर जुएं समाप्त हो जाएँगी।
11. दाँत और मसूड़े
शहद में कुछ बूंदें रस मिलाकर चाटने से पायरिया और मसूड़ों की सूजन में राहत मिलती है। इसके अलावा, सरसों तेल में इसे अजवाइन और काला नमक के साथ भूनकर बना मंजन सुबह-शाम करने से दाँत सफेद और मजबूत हो जाते हैं।
12. स्तनों का ढीलापन
महिलाओं में यह समस्या आम है। रोजाना 4 कलियों का सेवन करने से स्तनों में कसाव और आकार में सुधार आता है।
13. सिरदर्द और कान के रोग
5 कलियों और चंदन को पीसकर कनपटियों पर लगाएं—सिरदर्द गायब हो जाएगा। कान के रोगों में कुछ कलियों को तेल में पकाकर 2-2 बूंद कान में डालें।
14. मिरगी
दौरे के समय इसे कूटकर रोगी को सुंघाने से तुरंत होश आ जाता है। साथ ही, 10 कलियों को दूध में उबालकर रोजाना पिलाने से रोग धीरे-धीरे जड़ से समाप्त हो जाता है।
15. मलेरिया बुखार
तिल के तेल में इसका रस मिलाकर हाथ-पाँव के नाखूनों पर लगाएं। यह उपाय मलेरिया के बुखार में बेहद लाभकारी है। इसके साथ ही, इसका सेवन तिल के तेल और सेंधा नमक के साथ सुबह करने से बुखार में राहत मिलती है।
अन्य लाभ
- बुढ़ापे को रोके: इसका नियमित प्रयोग शरीर को स्वस्थ और जवान बनाए रखता है।
- स्वप्नदोष: रात को दो कलियां चबाकर निगलने से समस्या में राहत मिलती है।
- नपुंसकता: 60 ग्राम कलियों को घी में भूनकर रोज सुबह सेवन करें।
- वात रोग: कुछ कलियों को दूध में उबालकर 6 हफ्तों तक सेवन करने से वात रोगों से राहत मिलती है।
- गठिया: दूध, नमक और मिश्री के साथ पकाकर 40 दिनों तक लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- पीलिया: 4 कलियों को दूध में पकाकर 40 दिन तक पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।
निष्कर्ष
रसोई में रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली यह साधारण सी चीज़ सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की चाबी है। इसका निरंतर और सही मात्रा में प्रयोग करने से अनेक रोगों से बचा जा सकता है और शरीर को मजबूती मिलती है। ध्यान रखें कि कोई भी घरेलू उपाय अपनाने से पहले किसी जानकार से सलाह लेना बेहतर होता है।
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