नीबू
नीबू को कौन नहीं जानता, नीबू का अचार नीबू की चटनी को हम सभी सब लोग बड़े प्रेम से
खाते हैं। नीबू की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जहाँ दूसरे फल पकने पर मीठे हो जाते हैं, वहीं नीबू हर अवस्था में खट्टा बना रहता है। इसमें विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। नीबू की कई जातियाँ पाई जाती हैं। कागजी नीबू, बिजौरी नीबू, जम्मीरी नीबू इत्यादि। सब के लिए सुख का संदेश लाने वाला यह छोटा सा फल सस्ता भी है, और गुणकारी भी। मानव जाति के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रकृति की गोद में हज़ारों जड़ी-बूटियाँ तथा फल- फूलों के खज़ाने भरे पड़े हैं।

पेट दर्द- कच्चे 1 नीबू का आधा-आधा छिलका दिन में दो दिन में दो तीन बार खाने से पेट में होने वाला बादी का दर्द मिट जाता है।
दिल मिचलाना- भोजन करने के बाद या कभी कुछ उल्टा- सीधा खा लेने से दिल मिचलाने लगे तो एक गिलास पानी में एक नीबू का रस, काली मिर्च और नमक डालकर पिला देने से उल्टी आना रुक जाती है।नीबू को काटकर उसके दो टुकड़े करके उन पर काली मिर्च और काला नमक डालकर चूसते रहने से उल्टी आनी रुक जाती है। भोजन के बाद होने वाली उल्टियों को रोकने के लिए ताजे नीबू का रस 5-10 मिलीलीटर की मात्रा में पीना चाहिए।
अजीर्ण-नीबू के रस तीन ग्राम, चूने का पानी 10 ग्राम, मधु 10 ग्राम तीनों को मिलाकर 20-20 बूंद की मात्रा में लेने से अजीर्ण शांत हो जाता हैं।
कब्ज़-कब्ज़ रोगों की जड़ है। इसलिए अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कब्ज़ से ज़रूर बचना होगा। इसके लिए एक नीबू का रस एक गिलास गर्म पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से कब्ज़ दूर हो जाती है।
मोटापा – सुबह-सुबह खाली पेट 200 ग्राम गुनगुने जल में 2 चम्मच नीबू व शहद 1 चम्मच डालकर पीने से मोटापा घटता है।
हैजा- हैजे में प्रतिदिन दो नीबू के रस का सेवन भोजन से पूर्व करने से या रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से हैजा का रोग ठीक होता है।
संग्रहणी- पेचिश का रोग जब 9 दिन तक ठीक नहीं होता तो वह संग्रहणी रूप को धारण कर लेता है। इससे शारीरिक कमज़ोरी बढ़ जाती है। पेचिश शुरू होने लगे तो एक कागज़ी नीबू लेकर उसको बीच में से काटकर दो टुकड़े कर लें। इसमें थोड़ी सी उड़द की दाल के बराबर अफीम डाल दें। फिर उस नीबू के दोनों टुकड़ों को धागे से बाँध दें और हल्की आँच पर लटकाकर पका लें।अब इस नीबू को दिन में तीन बार चूस। दो दिन तक ऐसे ही एक- एक नीबू का रस चूसने से संग्रहणी रोग ठीक हो जाएगा।
तिल्ली – . नीबू और प्याज का २० ग्राम रस मिलाकर 15 दिन तक प्रातः सायं पिलाने से बढ़ी हुई तिल्ली घटती है। पथ्य दाल व चावलों का पानी पीना चाहिए। तिल्ली रोग में नीबू का अचार खाने से भी बढ़ी हुई तिल्ली में लाभ होता है

सिर के चक्कर आना- 1. अधिकतर लोगों को गैस के रुकने, कब्ज़ होने या कमज़ोरी के कारण इन्सान को चक्कर आने लगे तो एक कागज़ी नीबू गर्म पानी में निचोड़ कर पीने से सिर दर्द और चक्कर आने बन्द हो जाते हैं।
2. नीबू की दो फाकें कर गरम कर-कर के कनपटियों पर एक घण्टे तक सेंक करने से मस्तक पीड़ा मिटती है।
छाले-जीभ में छालों व मसूड़ों पर नीबू का छिल्का रगड़ने व नीबू का 20-30 ग्राम रस नियमित पीने से शीघ्र लाभ होता है।
नेत्र विकार–कटे हुए नीबू के आधे भाग को लोहे के जंग पर रगड़कर पीले कपड़े में पोटली बनाकर नेत्रों पर स्पर्श कर घुमाने से खुजली तथा लाली सभी नेत्र विकार नष्ट हो जाते है।
गठिया रोग-एक गिलास ताज़ा पानी लेकर उसमें एक पूरा नीबू निचोड़ लें। इसे हर दिन सुबह उठकर पीने से कुछ ही दिनों में गठिया रोग चला जाएगा।
चर्म रोगों का नीबू से उपचार-आलकल चर्म रोग निरन्तर तो बढ़ते जा रहे हैं। इन रोगों का यदि समय पर इलाज न किया जाए इसका भयंकर रूप कोढ़ बनकर सामने आता है।
1. नीबू का रस निकाल कर फोड़े-फुंसियों पर नहाने के बाद
लगाने से चर्म रोग ठीक हो जाता है।
2. नहाते समय पानी में नीबू का रस मिला कर नहाएँगे तो अनेक चर्म रोगों से बच सकते हैं।
3. अन्य किसी भी प्रकार का चर्म रोग हो तो नारियल के तेल में नीबू का रस डालकर चर्म रोग वाले स्थान पर प्रतिदिन मालिश करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है।
4. नीम के पत्ते तथा नीबू का रस मिलाकर उन्हें उबाल कर उस पानी से चर्म रोग वाले स्थान को अच्छी तरह से धोएँ। यह कार्य कई दिन तक चलाते रहने से चर्म रोग जड़ से चला जाता है।
5. दाद, खाज, चमड़ी पर काले दाग इत्यादि रोगों पर नीबू को काटकर रगड़ने से लाभ होता है।
6. नीबू के रस में करोंदा की जड़ पीसकर लगाने से तुरंत लाभ होता है।
स्कर्वी रोग- नीबू का ताजा रस 4औंस, पोटेशियम क्लोरेट 60 ग्रेन, कुनेन 6 ग्रेन, शक्कर 2 औंस की मात्रा में 3-4 बार लेने से स्कर्वी रोग में बहुत लाभ होता है। 7. दूध की मलाई लेकर उसे नीबू के रस में अच्छी तरह से गूंध लें। फिर प्रतिदिन रात के समय उसकी मालिश चेहरे पर करने से सारे कील-मुँहासे साफ हो जाएंगे तथा चेहरा चिकना मुलायम गोरा हो जाएगा।
9. नीबू के रस को ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर खूब अच्तरह मलें। एक मास तक इसे करते रहें। सारे कील-मुँहासे साफ हो जाएँगें।
10. समुद्री झाग को कूट पीसकर उसे नीबू के रस में मिला लें। इस लेप को रात को सोते समय मुँह पर लगा लें। सुबह उठ कर ग्लिसरीन के साबुन से मुँह को धोकर नारियल का तेल या देसी घी लगाकर रखें। ही दिनों में चेहरा फूल की भाँति खिल उठेगा।
बालों का झड़ना-नीबू के रस में आवलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी मिटती है। बालों का झड़ना रुक जाता है।
इन्फ्लुएंजा – इसमें नीबू की चाय (गरम पानी में नीबू रस, मिश्री) बहुत गुणकारी है।
बिच्छू का विष-नीबू के बीजों की मींगी नौ ग्राम, सेंधा नमक 7 ग्राम, दोनों की फंकी देने से बिच्छू का विष उतरता है।
कृमिरोग-नीबू के रस का सेवन करने से आँतों के अन्दर टायफायड, अतिसार, हैजा इत्यादि जो भी कीटाणु पैदा हो जाते हैं, वे मर जाते हैं।
अनन्नास खाओ बीमारी को छुट्टी करो क्या आप जानते हैं
अनार (Pomegranate) खाने के अनोखे फायदे सून कर दंग रह जाएंगे आप.
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