यह कहावत हमारे यहाँ की आम हो गई है।
“आम के आम और गुठलियों के दामा”
आम का तो नाम लेते ही हम सभी के मुँह में पानी भर आता है, इसे फलों का राजा कहा गया है। यह बात याद रखें कि खाने से पहले आम को ठंडे पानी में डाल कर रखना चाहिए अथवा फ्रिज में रख कर ठंडा कर लें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। आम के साथ यदि ठंडा दूध पिया जाए तो यह और भी अधिक शक्ति देता है। कई लोग अपने अंदर मर्दाना कमजोरी महसूस करते हैं ऐसे लोगों के लिए आम लाभदायक सिद्ध हुआ है।

पाचन-शक्ति-आम हमारी पाचन शक्ति बढ़ाने में बड़े ही सहयोगी हैं। आम चूसने के बाद ऊपर से दूध पीलें। इससे आँतों को शांति मिलती है। आमरस पीने से कब्ज का रोग दूर हो जाता है। प्रतिदिन सुबह उठकर एक गिलास मीठे आम के रस में दो चम्मच पिसी हुई सोंठ डालकर पीने से पेट के सभी रोग दूर होते हैं।
दुर्बलता और वीर्यवर्धक – मीठे आमों का रस सुबह, शाम दोनों समय एक गिलास पीते रहें। इससे आपके शरीर की खोयी हुई शक्ति पूरी तरह से वापस आ जाएगी।
मधुमेह- 2 बड़े चम्मच आम का रस तो 2 बड़े चम्मच जामुन का रस दोनों को बराबर मात्रा में लेकर मधुमेह रोगी को लगातार 1 महीने पिलाने से मधुमेह का रोग ठीक हो जाता है। यदि हो सके तो इसका सेवन आगे भी कर सकते हैं।

नपुंसकता- नपुंसकता के शिकार युवकों को मैं यही कहूँगा कि वे आम से बनी चीजों को सेवन न करें। वे ताजे आमों का रस गाय के दूध के साथ ले सकते हैं। इससे उनकी खोई हुई शक्ति फिर से लौट आयेगी।
पेचिश- आम की गुठली को धूप में अच्छी तरह से सुखवा लें, फिर इसको कूटकर बारीक महीन चूर्ण पीस लें। उस चूर्ण को 2 चम्मच पानी में भिंगोकर रोगी की नाभि पर लेप कर दें। यह लेप दिन में तीन- चार बार करने से पेचिश बंद हो जाएगी।
बवासीर और दस्त-मीठे आम के आधे गिलास रस में गाय के दूध का पचास ग्राम ताजा दही, अदरक का रस 1 ग्राम इन तीनों को मिलाकर रोगी को दिन में तीन-चार बार पिलाने से कुछ दिनों में दस्त और बवासीर से मुक्ति मिल जाएगी।
खूनी पेचिश-
1.आम के पत्तों को छाया लें तत्पश्चात् सुखा उनको अच्छी तरह से पीसकर बारीक कपड़े से छान लें, फिर उस चूर्ण को एक चम्मच गर्म पानी के साथ दिन में चार बार रोगी को पिलाने से खूनी पेचिश में आराम मिलता है।
2. आम की गुठली को सुखाकर उसे बारीक पीसकर कपड़े से छान लें। फिर एक बड़ा चम्मच छाछ में मिला कर पी लें। दिन में तीन चार बार रोगी को सात दिन तक पिलाने से खूनी पेचिश में आराम मिलता है।

नेत्र रोग- आम खाने से आँखों का लाल होना तथा उनके अन्दर के अनेक रोग ठीक हो जाते हैं। नज़र कमज़ोर हो तो तेज़ हो जाती है। आँखों की सूजन भी कम हो जाती है।
गुर्दों की कमज़ोरी- जिन लोगों के गुर्दे कमज़ोर हों वे खाना खाते समय 250 ग्राम मीठे आम को चूस लें। कुछ ही दिनों के सेवन करने से गुर्दों में शक्ति आएगी। गुर्दे हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं, जिनके खराब हो जाने पर इनका कोई भी उपचार नहीं है।
पायरिया रोगियों के लिए- आम की गुठली की मिगी का बारीक महीन चूर्ण बना कर सुबह उठते ही दाँतों पर मलते रहने से पायरिया के रोग से मुक्ति मिलती है।
हैजा- आम के नरम पत्तों को महीन पीसकर उन्हें 1/2 किलो पानी में उबालें। जब पानी की मात्रा 250 ग्राम रह जाए तो उन्हें नीचे उतार कर बारीक कपड़े से छान कर हैजे के रोगी को पिलाएँ। दिन में तीन बार इसे देने से ही रोगी ठीक हो जाएगा।
मर्दाना कमजोरी- कसैले रस वाले आम को सुबह उठकर चूसें इससे आपका वीर्य बढ़ेगा और गाढ़ा भी हो जाएगा। इससे आपके शरीर में नयी शक्ति भी आएगी।
तिल्ली की सूजन- 500 ग्राम आम का रस 15 ग्राम शहद में मिलाकर हर रोज सुबह चार सप्ताह तक पीने से तिल्ली का रोग ठीक हो जाता है।
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