अँगूर खाने के 13 फायदे जो आपको बीमारी से रखे दूर


अँगूर

अँगूर (मुनक्का)
यद्यपि इस बात में कोई मतभेद नहीं है कि अंगूर एक ऐसा फलहै कि जो शरीर में प्रवेश करते ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। अँगूर सिर से लेकर पाँव तक शक्ति से ही भरा पड़ा है। इसके तो कण-कण में शक्ति है। अंगूर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह रोगी और निरोगी दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। जो लोग अधिक दिमागी काम करते हैं उनके लिए यह बहुत ही गुणकारी फल है। सत्य तो यह है कि अंगूर रोगियों के लिए अमृत माना जाता है। इसका एक-एक दाना हमारे जीवन को नयी शक्ति देता है।

अँगूर
अँगूर


खूनी बवासीर – अंगूरों के गुच्छों को हांड़ी में बंद कर भस्म बना लें। काले रंग की भस्म प्राप्त होगी। इसको 3-6 ग्राम की मात्रा में बराबर मिश्री मिली, 250 ग्राम गाय के कच्चे दूध के साथ खिला देने से रक्तार्श का धारा प्रवाह रक्तस्राव शीघ्र बंद हो जाता है। 8-9 दिन में पूरी तरह छुटकारा मिलता है।


हृदय रोग से मुक्ति- अंगूरों का रस सुबह शाम आधा गिलास प्रतिदिन सेवन करने से दिल की बढ़ती हुई धड़कन ठीक हो जाती है तथा हृदय रोग से मुक्ति मिलती है।


चक्कर आना-100-200 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर थोड़ा सेंधा नमक मिला, नित्य 5-10 ग्राम तक खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है।


टी. बी-अंगूर का रस दिन में चार-पाँच बार सेवन करें। इससे टी.बी रोग से मुक्ति मिलेगी।
पेशाब रोग-जिन लोगों को बार-बार पेशाब आता हो, उन्हें दिन में चार-पाँच बार अँगूर का रस पिलाने से यह रोग ठीक हो जाता है। फोड़ों की सूजन- अंगूर के 5-6 पत्तों पर घी चुपड़कर तथा आग पर खूब गरम कर बांधने से फोड़ों की सूजन बिखर जाती है।


मिरगी – सबसे नामुराद रोग मिरगी का ही कहा जाता है। इस रोग का रोगी राह चलते कहीं भी गिर सकता है। डॉक्टर इस रोग में अपने को मज़बूर और बेबस समझते हैं, परन्तु यदि ऐसे रोगी दिन में चार-पाँच बार अँगूरों का सेवन करें तो मिरगी से बच सकते हैं।


सिर दर्द9-10 नग मुनक्का, 10 ग्राम मिश्री तथा 10ग्राम मुलेठी एकत्र पीसकर नस्य देने से पित्त एवं विकृति जन्य सिर का दर्द दूर होता है।


चेचक – अँगूरों को गर्म पानी में अच्छी तरह से धो लें। उन अँगूरों को दिन में चार बार खाने से कुछ ही दिनों के सेवन करने से चेचक रोग में आराम आता है।


मुँह की बदबू से निजात-कफ विकृति या अजीर्ण अथवा अपचन के कारण मुख से दुर्गन्ध आती हो तो 5-10 ग्राम मुनक्का नियमपूर्वक खाने से दूर हो जाती है। (कृमिजन्य दुर्गन्ध इससे दूर नहीं होती)


गठिया- गठिया के रोगियों को भी दिन में पाँच-सात बार अँगूर खाने को देते रहें तो गठिया रोग से मुक्ति मिल जाती है।


कमजोरी से निजातआप अपनी शारीरिक कमज़ोरी को यथा शीघ्र दूर करने के लिए अँगूरों का प्रयोग करें। यदि आपका शरीर स्वस्थ है तो रोग आपके पास नहीं आ पाएगा। अँगूर आपके शरीर में जाते ही खून में मिल जाता है। अंडे के पश्चात् अँगूर का फल ही ऐसा है जिस का प्रभाव मानव शरीर पर गले से उतरते ही पड़ जाता है।


स्वप्न दोष रोगी-इस रोग में अनार के सूखे छिलके को कूट पीस कर छान लें फिर फल को के रस में मिलाकर रात को सोते समय ताज़ा जल के साथ सेवन करने से यह रोग ठीक हो जाता है।


गुर्दे का दर्द- फल को बेल के पत्तों को (50 ग्राम) लेकर उनका रस निकाल कर पानी में मिलाकर उसे दिन में तीन बार सेवन करें तो गुर्दे का रोग ठीक हो जाएगा।


रक्त पित्त- अंगूर के 50-100 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम घी और 20 ग्राम खांड मिलाकर पीने से रक्तपित्त दूर होता है।

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